Jejuri ke Khandoba ka Rahashya or Information



पुणे जिल्हे स्तित जेजुरी (Jejuri) शहर जो की पुणे सिटी से 51 km  पर स्तित है। जेजुरी मंदिर जहा हिन्दू देवता खंडोबा (Khandoba) का विराजमान हैं। इस मंदिर  को मराठी भाषामें खंडोबा का मंदिर (Khandoba Mandir) कहा जाता है। यह मंदिर पहाड़ी पर स्तित है जिसकी उचाई 718 मीटर हैं। यह स्थान खंडोबा (Jejuri Temple) के नाम से जाना जाता है। मंदिर के भीतर प्रवेश करने के लिए लगभग 200 सिडिया चलकर जाना पड़ता है। मंदिर की बनावट बड़े बड़े पत्थरोंसे बनाई गई है। भगवान खंडोबा को मार्तण्ड भैरव और मल्हारी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता हैं। जो की भगवान शिव का ही दूसरा रूप  है। मंदिर में खंडोबा की मूर्ति जो की एक घोड़े पर सवार हैं जो की एक युद्ध के रूप में दिखाई पड़ती है। मंदिर में खंडोबा के हातो में बड़ी बड़ी तलवार दिखाई देती है। खंडोबा (Jejuri Khandoba) को खण्डेराया और खंडेराव के नाम से भी जाना जाता हैं। 



जेजुरी जहा हर साल दशहरा उत्सव मनाया जाता हैं, जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आया करते हैं, दशहरा उत्सव के दिन मंदिर में हल्दी की सभी और मानो चादर फैली दिखती हैं। मानो एक आकर्षक दृश्य बन जाता हैं ।  हर दिन जेजुरी में हजारो की संख्या में भक्तो की भीड़ दिखाई पड़ती है। मंदिर का आवरण जो की पत्थरोंसे बनाया गया हैं, जो की मानो एक आकर्षक दृश्य बानी है। 


यह मंदिर मुख्य दो भागो में विभाजित है, जिसमे पहला भागमण्डप और दूसरे को सभामंडप कहा जाता है। मंदिर में पीतल से बनाई गई 28 फ़ीट कछुए की आकृति भी दिखाई देती है।ब्रम्हांड पुराण में कहा जाता है की धरती पर मल्ल और मणि नाम के दो राक्षश भाइयो का धरती पर बड़ा ही अत्याचार था, उस अत्याचार को ख़तम करने के लिए भगवान शिव ने मार्तण्ड भैरव का अवतार लिया था, और भगवान ने मल्ला का वध कर दिया था और उसका मस्तक सीढ़ियों पर छोड़ दिया था, जबकि मणि को भगवान ने छोड़ दिया था क्यों की मणि ने भगवान से मानव हित का वरदान माँगा था। 

 

भगवान खंडोबा का महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई लोक गीतों में उल्लेख है। मंदिर के शिडीयो के शुरुवात से शिडीयो पर हल्दी दिखाई देती है, पिले रंग की वजैसे जेजुरी को सोने की जेजुरी भी कहा जाता है। भगवान खंडोबा एक उग्र देवता होने के कारण उनके पूजा के नियम बहोत ही कड़े है ऐसा मन जाता ह। 

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